प्राकृतिक मानव बुद्धि स्थिर रहती है! यह सिर्फ बेवकूफी है कि इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों में बांटना है।
यह भी बेवकूफी है कि अब हम अपने तात्कालिक वातावरण में समस्याओं को हल करने में सक्षम नहीं हैं, बल्कि कहीं बैठकर जोर से चिल्लाते हैं: राजनीति को हल करना होगा!